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Sunday 27 December 2015

umar bhar nhi bhulongi

उम्र भर नहीं भूलूंगी
उन लम्हों को
जो बिताए मिलकर साथ
इस रिश्ते को कोई नाम मत देना
ये न दोस्ती है न प्यार ।

एक स्नेह -सनित डोरी
जिसमें बंधे हम
सुख -दुःख बांटा अपना
हँसे रोये संग ।

कई बार मेरी शरारतों ने
जब स्पर्श किया
तुम्हारे अंतरमन को
सहसा बिचलित होकर
तब तुमने
दिखाया ह्रदय के दर्द को ।

तुम गए
देकर मुझे मधुर सपने
जो है मेरे अपने ।

अब जब कभी तुम्हरी
यादों की गर्मी से
पिघलती है मेरी रातें
मैं होती हूँ संग सितारों के
और
होती है तुम्हरी बातें ।

Tuesday 22 December 2015

ek din

एक दिन
अचानक जब तुम्हारा ख्याल आया

उस दिन

सूरज निकला कुछ खोया-खोया
कलियाँ थी उदास
न खूशबू थी फूलों में
न भौरों में थी प्यास ।

देर तक
आँखे थी कुछ अलसाई सी
उठ पड़ी मै घबराई सी
सूरत देखी जब दर्पण मे
आँखों में नमी सी छाई थी ।

सोचा तो
यादों के पन्ने लगे उड़ने
अंकित शब्द कुछ बोल उठे
एक चेहरा जो थी भूल चुकी
मस्तिष्क मे स्वतः लगा मचलने ।






Monday 30 November 2015

तलाश

मत छेड़ो सोने वालों को 
जाग कर फिर नींद  कहाँ आती है 
उकता गयी हूँ देख कर 
बुझे चेहरों को 
 सपनों वाली आँखों की तलाश है