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Monday 30 November 2015

तलाश

मत छेड़ो सोने वालों को 
जाग कर फिर नींद  कहाँ आती है 
उकता गयी हूँ देख कर 
बुझे चेहरों को 
 सपनों वाली आँखों की तलाश है