तुम ख़्वाब हो , दिल को समझाऊँ कैसे
सांसो की बेचैनी को छुपाऊँ कैसे ।
खुली रखी है खिड़की मगर डरती हूँ ,
चाँद को हथेली पर उतारूँ कैसे ।
तुम मेरा रास्ता , मेरी मंज़िल हो
ये हक़ीक़त तुम्हे बताऊँ कैसे ।
तुम्हारा नाम बिछ गया है
मेरी पलकों पर
ज़माने से तुम्हे छुपाऊँ कैसे ।
मचले हैं अरमान तुम्हे छूने
सज़दे में झुका सर उठाऊँ कैसे ।
दुआओं की सूरत कहाँ बदलती है
सोचती हूँ -
ख़ुदा से तुम्हे मांगू कैसे ।
सांसो की बेचैनी को छुपाऊँ कैसे ।
खुली रखी है खिड़की मगर डरती हूँ ,
चाँद को हथेली पर उतारूँ कैसे ।
तुम मेरा रास्ता , मेरी मंज़िल हो
ये हक़ीक़त तुम्हे बताऊँ कैसे ।
तुम्हारा नाम बिछ गया है
मेरी पलकों पर
ज़माने से तुम्हे छुपाऊँ कैसे ।
मचले हैं अरमान तुम्हे छूने
सज़दे में झुका सर उठाऊँ कैसे ।
दुआओं की सूरत कहाँ बदलती है
सोचती हूँ -
ख़ुदा से तुम्हे मांगू कैसे ।